फूड पैकेट सप्लाई सिस्टम खत्म करने का विरोध कर रहे मेयर धर्मेंद गहलोत सहित कई पार्षदों को पुलिस ने हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा

शहर में गुरुवार को फूड सप्लाई सिस्टम बंद किए जाने का जिला कलेक्ट्री पर पार्षदों ने विरोध किया। मामला लंबा खिंचला देख पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में मेयर धर्मेंद गहलोत और पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल सहित कई पार्षदों को हिरासत में ले लिया। इसकी सूचना पर कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व मंत्री ललित भाटी, भाजपा के वरिष्ट नेता वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इन लोगों ने जिला कलेक्टर से खाद्य सामग्री वितरण बंद किए जाने और पार्षदों को हिरासत में लेने पर उनसे चर्चा की। वहीं पुलिस पार्षदों को सिविल लाइन्स थाने ले गई जहां बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। 


पुलिस पार्षदों को सिविल लाइन्स थाने ले गई, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पुलिस पार्षदों को सिविल लाइन्स थाने ले गई, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।


यह है मामला 
जिला प्रशासन ने शहर में जरूरतमंदों को भोजन कै पैकेट बांटने की व्यवस्था खत्म कर दी है। प्रशासन के इस कदम का मेयर धर्मेंद्र गहलोत सहित कांग्रेसी, भाजपाई व अन्य पार्षदों ने विरोध करते हुए कहा कि प्रशासन का इस मुद्दे पर संवेदनहीन रवैया सामने आ गया है।


वहीं जिला प्रशासन का इस बारे में कहना है कि बीएलओ से सर्वे करवाकर जरूरतमंद परिावर चिंन्हित किए गए हैं और उन्हें 15 दिन की सूखी सामग्री पहुंचा दी है। इसलिए भोजन के पैकेट वितरित करना अब जरूरी नहीं रहा है। शहर में रोजाना 6600 भोजन कै पैकेट वितरित किए जा रहे थे। 


वहीं मेयर व पार्षदों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के और किसी भी जनप्रतिनिधि को विश्वास में लिए बिना ही प्रशासन ने अक्ष्य पात्र एवं नगर निगम द्वारा वितरित भोजन पर रोक लगा दी है। अक्षय पात्र एवं और नगर निगम द्वारा भोजन से एक समय में सभी 60 वार्डों के 6600 गरीब और जस्रतमंद लोगों को भोजन प्राप्त हो रहा था। मेयर धर्मेद्र ने कहा कि जिला प्रशासन का यह निर्णय अविवेकपूर्ण है और इसे तत्काल हटाया जाना चाहिए।